Description
इस कोर्स में शुभम आलोक सिंह ने जन्म पत्रिका के द्वादश भावों के हर पक्ष को कैसे वैदिक ज्योतिष के द्वारा अवलोकित किया जाता है यह बताया है|
कुंडली के बारह भावों के मुख्य विषयों के विश्लेषण के साथ ही साथ प्रमुख भावों जैसे की पंचम भाव, सप्तम भाव, दशम भाव पर ख़ास तौर से ध्यान दिया गया है|
हर एक भाव से जुडी मुख्य बातों के गूढ़ विश्लेषण के साथ ही साथ प्रमुख भावों के प्रमुख विषयों को अत्यधिक विस्तार से समझाया गया है| जैसे की पंचम भाव में संतान होगी की नहीं, कितनी संतान होगी, उनका लिंग क्या होगा, संतान कब होगी, कुंडली मिलान, पति पत्नी विचार, विवाह होगा या नहीं इत्यादि सभी बातों का बहुत ही विस्तार से और क्रमवार तरीके से समझाया गया है| ख़ास करके मुख्या विषय जैसे संतान, आयु, विवाह, व्यवसाय, कर्म, लाभ, धन योग पर बहुत बारीकी से विचार किया गया है|
इसके साथ ही शुभम आलोक सिंह ने अपने बिहार और केरल परंपरा के अद्वितीय सूत्र एवं अपनी ज्योतिषीय खोजें भी खुले दिल से इस पाठ्यक्रम में साझा की हैं|
इस पाठ्यक्रम केवल इतना ही नहीं बल्कि सुदर्शन चक्र, दशा, गोचर एवं ज्योतिषीय उपायों पर भी बहुत ध्यान दिया गया है एवं इसमें शुभम आलोक सिंह की कई खोजों का भी वर्णन है|
वैदिक ज्योतिष के किसी भी विद्यार्थी के लिए यह कोर्स किसी खजाने से कम नहीं है|
अगर आप वैदिक ज्योतिष सीखना चाहते हैं या अगर आप वैदिक ज्योतिषी बन कर कुंडली देखना चाहते हैं तो शायद ही ऐसा कोई अन्य ऑनलाइन कोर्स आपको मिले जो इतना सारगर्भित, विस्तृत और व्यापक हो|
कोर्स में पन्दरह से अधिक क्लास हैं जिसमे की हर क्लास कम से कम दो घंटे की है|
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